ननद भाभी का एक AC – Puran Dewasi: Moral stories in hindi

मां मां जल्दी बाहर आओ देखो भैया क्या लाए हैं। क्या है इतना क्यों चिल्ला रही है। अरे मां तुम आओ तो सही। अरे ये क्या ले आया विशु। मां मुबारक हो अपना ए सी आ गया। अरे वाह जुग जुग जिए मेरा बच्चा तू रुक मैं पूजा की थाली लेकर आता हूं। ओह मां यह ए सी हैं तुम्हारी बहु नहीं जो आरती उतार कर उसे घर के अंदर ले जाओगी। तू चुप कर बस 2 मिनट रुक जा। कमला बहुत खुश थी उसका बेटा विशाल घर के लिए नया ए सी जो खरीद कर लाया था।

दर असल कमल के दोनों बच्चे इशिता और विशाल को बहुत गर्मी लगती थी लेकिन अब जब विशाल बड़ा होकर कमाने लगा था। तो अपनी कमाई से वह एक बढ़िया ए सी खरीद कर ले आया था जिसे देखकर पूरा परिवार बहुत खुश था क्यूं मां ठीक लग रहा हैं। वाह भाई यह तो कमाल की चीज है मुझे तो ठंड सी लग रही है सच में कमाल की चीज हैं यह ए सी। वैसे कितने का आया बेटा। अरे मां आप आम खाओ ना गुठलियां मत गिनो। अरे हां मां आम भी रखे हैं ना जल्दी से ले आओ ना ए सी में बैठकर आम खाने में मजा ही आ जाएगा कसम से। तुम दोनों बैठो मैं आम लेकर आता हूं। कमला को मन ही मन अपने बेटे पर बहुत गर्व हो रहा था।

विशाल के पिताजी बहुत पहले चल बसे थे जिसके बाद बच्चों की पढ़ाई और घर के खर्चों में ही सारा पैसा खत्म हो जाता था। इसलिए कमला अपने और अपने बच्चों के लिए जहाड़ा सुविधा सुविधा नहीं कर पाई। लेकिन अब घर में नया ए सी आने से वह बहुत खुश थी रात में इशिता ने तीनों का बिस्तर ए सी वाले कमरे में ही लगा दिया। आज तो बढ़िया-बढ़िया नींद आएगी भैया। हां इशु तुझे ही आएगी मुझे तो हर महीने इसी ए सी की किश्ते सुकानी है जब वह पूरी हो जाएगी मुझे तो तभी चैन की नींद आएगी। अच्छा वैसे कितनी किस्त है भैया। 1 साल की अगली गर्मी तक पूरी हो जाएगी।

अच्छा यह सब बातें छोड़ो अब विशु बेटा यह बता जो मैंने तुझे फोटो भेजी थी वह लड़की तुझे कैसी लगी। हां ठीक ही थी मां। तो संडे को चले उसके घर। हां देखते हैं मां अभी संडे दूर है मां। नहीं अब कोई बहाने नहीं तुझे चलना ही होगा देख बेटा ए सी ले आया हैं बहू भी ले आ अब और नहीं होते यह घर के काम काज। अच्छा ठीक है मां अब आराम से सो जाओ चलेंगे संडे को ठीक है। ना ना मुझे तो यहां बहुत ठंड लग रही है कंपकंपी सूट रही है मेरी तो मैं तो अपने आंगन में ही सोऊंगी बाहर तुम दोनों ही सो जाओ यहां इतना कह कर कमला कमरे से बाहर चली गई। इशू बेड पर सो रही थी और विशू जमीन पर लगे बिस्तर पर सो गया। इशू और विशू बहुत खुश थे। कुछ देर बाद ही वह दोनों गहरी नींद में सो गए ।

फिर अचानक रात को इशू उठी और बोली भैया भैया उठो ना। हां क्या हो गया अरे सो जा ना इशू। भैया यह कैसा ए सी लिया हैं आपने मुझे तो अभी भी गर्मी लग रही है। हां यार लग तो मुझे भी रही है। रुक 1 मिनट देखने दे जरा। अरे यार इसका तो टेंपरेचर 26 पर सेट हैं। लगता है तू रिमोट पर सो गई पगली और तुझसे इसके बटन दब गए। रूक मैं अभी 20 पर सेट कर देता हूं। भैया एक बार इसको 16 पर करो ना। बर्फ जमायेगी क्या अच्छा चल करके देखते हैं। टेंपरेचर 16 पर करते ही कमरा एकदम ठंडा हो गया। अब तो दोनों बहन भाई बहुत ही खुश थे। नए ए सी की वजह से विशू की तबियत एकदम सही रहने लगी थी उससे ना कोई एलर्जी हो रही थी और ना ही शरीर पर लाल निशान पड़ रहे थे। फिर कुछ दिनों की बाद….क्यों कैसी लगी तुझे पारुल। हां अच्छी लगी मां। विशाल को पारुल पहले नजर में पसंद आ गई थी और दोनों की शादी हो गई‌। और फिर रहे इशू कहा जा रही हैं तू। सोने और कहां मां। पागल है क्या अब विशू की शादी हो गई है। उस कमरे में विशू और तेरी भाभी रहेंगी ना।

ओह मैं तो भूल ही गई थी पर मां ए सी। क्या ए सी चल मेरे साथ आंगन में सो जा। ना मां अब तो मुझे ए सी में ही नींद आती है। पागलों वाली बात मत कर तू क्या भैया भाभी के बीच में सोएगी। इशू अपने भाई की शादी से जितनी खुश थी ए सी के बिना सोने के बात सुनकर उसकी सारी खुशी गायब हो गई। एक तरफ गर्मी से ईशु की हालत खराब थी तो दूसरी तरफ नई बहू आराम से ए सी में सो रही थी। ईशु चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती थी। अब तो हर रात ऐसे ही गुजरने लगी। बिना ए सी के ना तो ईशु की नींद पूरी हो पा रही थी और ना ही वह किसी से कुछ कह पा रही थी। फिर एक दिन भैया ये सूटकेस लेकर कहा जा रहे हो। ईशु मेरी कंपनी मुझे ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेज रही है अब एक महीने वही रहना होगा। अच्छा वहां अपना ख्याल रखना भैया। हां और तू भी मां और पारुल का ख्याल रखना। अरे आप फिक्र मत करो मैं भाभी का पूरा ख्याल रखूंगी। विशू ट्रेनिंग के लिए चला गया।

रात में जब पारुल सोने जा रही थी तभी इशू भी वहां अपना तकिया लेकर पहुंच गई। भाभी आज मैं आपके साथ ही सोऊंगी। अच्छा ठीक है आ जाओ। इशू बहुत खुश थी क्योंकि उसे कई दिनों के बाद ए सी मैं सोने का मौका मिला था। तो वही पारुल को बहुत गुस्सा आ रहा था। लेकिन वह नंद के रिश्ते की कद्र करके चुप रह गई। फिर रात में अचानक पारुल को बहुत तेज ठंड लगने लगी उसने उठकर देखा तो इशू तो बड़े आराम से सो रही थी। और उसका ठंड के मारे बुरा हाल था। उसने देखा ए सी का टेंपरेचर 16 पर सेट था। यह देखकर पारुल ने मन हीं मन कहा पागल है क्या यह लड़की जमा कर मार देगी ये तो। पारुल ने जल्दी से टेंपरेचर को 25 पर सेट कर दिया। 15 मिनट बाद जब ईशु को गर्मी लगी तो उसने उठकर फिर से ए सी को 16 पर सेट कर दिया। अब तो हर 15 मिनट के बाद यही हो रहा था। पारुल और ईशु दोनों समझ गई थी कि एक टेंपरेचर बढ़ाती है। तो दूसरी कम कर देती है। तभी गुस्से में पारुल ने रात में ही ईशु को उठाकर कहां इशू तुम बार-बार ए सी का टेंपरेचर काम क्यों कर रही हो मुझे ठंड लग रही है मुझे इतनी कम टेंपरेचर की आदत नहीं है। और मुझे गर्मी की आदत नहीं है भाभी आपको ठंड लग रही है। तो आप मम्मी के पास सो जाओ ना। मैं क्यों जाऊं। यह मेरा कमरा है तुम चली जाओ ना मम्मी जी के पास।

आप तो अभी आई हो यह कमरा बचपन से मेरा और भैया का है। अच्छा तो फिर.. फिर मैं कहां रहूंगी। मुझे क्या पता। दोनों की लड़ाई की आवाज सुनकर कमला कमरे में आ गई क्या हुआ तुम दोनों सुबह 4:00 बजे क्यों लड़ रही हो मम्मी जी देखिए ना इशू मुझे इस कमरे से जाने के लिए कह रही है। हे भगवान आप तो बड़ी झूठी निकली भाभी अपने ही तो पूछा था कि मैं कहां जाऊं तो मैं तो बस यह बोला की मम्मी के पास चली जाओ यह मेरा कमरा है तो मैं क्यों जाऊं यहां से अरे पर हुआ क्या कमरे के लिए क्यों लड़ रही हो तुम दोनों। यहीं लड़ रही है मुझसे मम्मी जी। ओ हो हो एक तो ए सी होने के बावजूद कमरे को राजस्थान बना रखा है ऊपर से बोल रही है की सब मेरी गलती है। अच्छा और जो तुमने कमरे को कश्मीर बनाकर रखा है उसका क्या?

कमला समझ गई थी की लड़ाई कमरे की नहीं बल्कि ए सी की है। उसने दोनों को समझाया लेकिन दोनों नहीं मानी दोनों के बीच यह कहासुनी बढ़ती गई। दोनों नंद भाभी में से कोई भी ए सी वाला कैमरा छोड़ने को तैयार नहीं थी। नौबत यह हो गई की दिन हो या रात नंद भाभी में हर वक्त कहा सुनी होने लगी और इस सबसे कमला बहुत परेशान थी उसने विशाल को फोन पर सब कुछ बताया लेकिन विशाल की समझाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ। पारुल और इशिता दोनों ही अड़ी हुई थी ना ए सी के टेंपरेचर को लेकर दोनों की सुलह हो रही थी। और ना ही कमरे के बाहर या अंदर सोने को लेकर।

फिर कुछ दिनों के बाद। अरे विशाल तू आ गया बेटा कैसा है बेटा। मैं अच्छा हूं मां। विशाल वापस आ गया था और इस बार भी वो अपने साथ बड़ा सा बाक्स लेकिन आया था। यह क्या है बेटा। इसमें ए सी हैं मां मुझे लगता है कि इस वक्त घर में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हैं है ना? हां बेटा यह तो बहुत ही अच्छा किया तूने पर यह तो बता कि तेरे पास नए ए सी के लिए पैसे कहां से आए अभी तो पुराने ए सी की किस्तें भी पूरी नहीं हुई। मां यह नया ए सी नहीं हैं किराये पर लिया हैं। और तीन-चार महीने बाद जब गर्मी का मौसम चल जाएगा तभी इस वापस कर दूंगा। और पहले ए सी की किस्तें पूरे होते ही दूसरा नया ए सी ले लूंगा इशू के लिए।

विशु की समझदारी से समस्या का समाधान हो चुका था कमला ने भी राहत की सांस ली तभी पारुल ने पीछे से कहा सुनिए कमरे में आ जाइए मैंने आपके लिए समोसे बनाए हैं नहीं नहीं वह मेरे भैया हैं वह पहले मेरे हाथों की बनी खीर खाएंगे समझी आप। हे भगवान बचा ले विशु अब बता अब क्या करेगा बेटा। पता नहीं मां लगता है समोसे और खीर एक साथ ही खाने पड़ेंगे आज तो।

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