नैना सुबह-सुबह अपने ऑफिस के लिए निकल रही थी। तभी नैना की सास ने उसे आवाज देते हुए रोक लिया अरे नैना बहु सुनो तो..! क्या हुआ मम्मी जी ऑफिस जाते वक्त आप मुझे क्यों टोक देती हो। अरे टोक दिया तो क्या हुआ कौन सा काली बिल्ली रास्ता काट गई। सास का टोकना काली बिल्ली के रास्ता काटने से काम होता हैं क्या। क्या कहा तुमने? कुछ नहीं मम्मी जी मैंने कुछ नहीं कहा मैं तो बस यह कह रही थी कि अगर आपने मुझे टोक है तो उससे क्या फर्क पड़ता है ज्यादा से ज्यादा बॉस मुझे डांट देगा या मेरा प्रेजेंटेशन खराब हो जाएगा हां इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा।
अरे सब समझती हूं मैं ज्यादा मुझे ताने मारने की जरूरत नहीं है समझी। अरे अब आपको जो कहना है प्लीज जरा जल्दी करिए ना मेरे ऑफिस का वक्त हो रहा है मेरी कैब निकल जाएगी। यह बात कर जाओ की खाने में क्या बनाना हैं। मैंने आलू की सब्जी और रोटी दोनों बना दी है अब मैं जाऊं। अच्छा ठीक हैं ठीक है जो मुझे कौन सा तुम्हें सारा दिन घर में रख के सर दर्द करना है। नैना मुंह बनाते हुए वहां से चली जाती है।
शाम के वक्त वह थकी हारी ऑफिस से लौट कर घर आती है। नैना बहू शाम का खाना बना दिया। बात तो ऐसे कर रहे हैं जैसे सब्जी में ऑफिस में बैठकर काटती हूं और चूल्हा कैब में रखकर लाती हूं वहीं पर सब्जी पक जाती है क्या। नैना बहू अपने आप से बातें क्यों कर रही हो नहीं नहीं पापा जी मैं कहां अपने आप से बात कर रही हूं मैं तो यह कह रही हूं की बस अभी अभी ऑफिस से आई हूं थोड़ा पानी पी लूं उसके बाद खाना बना देती हूं। तभी नैना का पति सुदेश भी घर पहुंच आ जाता हैं।
अरे नैना मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है जरा मेरे लिए चाय तो बना दो। सर में तो मेरे भी दर्द हो रहा है सुदेश मैं भी तो सारा दिन नौकरी करके आई हूं मुझे कौन सा बनी हुई चाय मिलती है। देखा बेटा आजकल तुम्हारी बीवी कुछ ज्यादा ही ताने मारने लगी है। मम्मी जी मैंने आपसे थोड़ी ना कुछ कहा है अब ले देकर पूरी दुनिया में मेरा पति ही तो है उससे तो कह सकती हूं ना। अच्छा ठीक है अब ज्यादा बातें ना बना जल्दी जाकर खाना बना बातों से किसी का पेट नहीं भरने वाला। नैना परेशान होकर रसोई में जाती है और खाना बनाने लगती है। कुछ देर के बाद वह सबको खाने के लिए बुलाती है खाना टेबल पर लग गया है आप सब लोग प्लीज जरा जल्दी आ जाइए मैं बहुत थक गई हूं सब लोग खाना खाकर फ्री हो जाएंगे तो मैं भी आराम से सोने जाऊंगी।
हमारी बहू बातें तो ऐसे करती है जैसे पता नहीं कौन से पकवान बनाए हो उसने हमारे लिए। अरे यह क्या नैना तुमने फिर से गोभी आलू की सब्जी बना दी। फिर से का क्या मतलब है गोभी आलू की सब्जी पिछले मंडे को बनी थी उसके बाद से लेकर अब तक 10 तरह की अलग-अलग सब्जियां बन चुकी हूं। फिर भी आप नखरे दिख रहे हैं। अरे 10 तरह की सब्जी बन चुकी हो तो क्या हुआ रोज-रोज बनाती तो एक ही सब्जी हो ना। तो अब क्या चाहती है मम्मी जी पूरी की पूरी सब्जी मंडी बना दूं। देखो तो सही बहु कैसे बातें कर रही है। अरे मैं तो बस इतना कहना चाह रही हूं कि जब भी घर के लोग खाना खाए तो कम से कम दो सूखी सब्जी एक गीली सब्जी एक दाल और रायता इतना तो होना चाहिए ना।
मम्मी जी यह सब बनाने के लिए पहले तो मुझे अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी उसके बाद परमानेंट एक चेयर रसोई में लगानी पड़ेगी ताकि पूरा दिन बैठकर दो सूखी सब्जी एक गीली सब्जी दाल रायता पकोड़े सब कुछ बना सकूं। अरे ना ना इस तरह से क्यों बातें कर रही हो मम्मी ने कुछ गलत थोड़ी ना कहां है एक सब्जी और एक रोटी खाकर किसी का पेट भरता है क्या। ठीक है मेरी ऑफिस की दो दिन की छुट्टी है मैं अगले दो दिन रसोई में बैठकर आराम से चार चार सब्जियों बनाऊंगी तब तो आप लोगों का पेट भर जाएगा ना।
अरे वाह बहू पहली बार तुमने इतनी अच्छी खबर सुनाई है। खबर तो मैं अपनी नौकरी लगने की भी सुनाई थी मम्मी जी बस बात इतनी सी है कि वह खबर आपको अच्छी नहीं लगी मेरे खाना बनाने की खबर पर आप बहुत खुश हो रही है। सब लोग नैना का मुंह देखते रह जाते हैं। अगले दो दिन नैना के ऑफिस की छुट्टी थी और इसलिए उसने अगली सुबह सच में चार-चार सब्जियों बनाकर सबके के लिए खाना परोस दिया।
वाह वाह क्या बात है आज तो थाली भरी भरी लग रही है हां पापा जी लगता है पूरा का पूरा न्यूट्रिशन परोस दिया। अब आप आराम से खाइए क्योंकि सुबह 7:00 से लेकर दोपहर के 12 बजे तक मैंने सिर्फ सब्जियां बनाई है और पकोड़े तले हैं। अरे तुम्हे क्या हो गया पहली बार ही तो ऐसा किया है ऐसी कौन सी कुर्बानी दे दी। कुर्बानी तो मैंने दी है मम्मी जी 2 दिन की छुट्टी मिली थी चाहती तो आराम कर सकती थी मूवी देखने जा सकती थी शॉपिंग पर जा सकती थी लेकिन नहीं मुझे चार-चार सब्जियां बनानी थी इसलिए मैंने इन सब बातों की कुर्बानी दे दी।
सब लोग खाना खाते हैं लेकिन बहुत सारी सब्जियां होने की वजह से थोड़ी-थोड़ी बस जाती है नैना उन सब को उठाकर फ्रिज में रख देती है और शाम के वक्त वह अलग से चार सब्जियां और बना देती हैं और शाम को टेबल पर खाना लगाती हैं कुल मिलाकर टेबल पर आठ तरह की सब्जियां थी। अरे यह क्या पूरे मोहल्ले को खाने पर बुलाया है क्या जो इतनी सारी सब्जियां परोसी हैं। मम्मी जी आपको ही तो मुझसे शिकायत रहती थी ना कि मैं दोनों वक्त सिर्फ एक ही सब्जी बनाती हूं अब देखिए टेबल पर आठ आठ सब्जियां है आराम से खाइए आप जब देखो तब ताना मारती रहती है। इससे तो कुछ कहना ही बेकार है मम्मी बात तो तुम्हारी बिल्कुल ठीक है बेटा लेकिन देखो कितनी सारी सब्जियां सब लोग खाना खा लेते हैं लेकिन ज्यादा सब्जियां होने की वजह से फिर से आठ की आठ सब्जियां थोड़ी-थोड़ी बच जाती है।
अगली सुबह नैना फिर से चार सब्जियों बना देती हैं और टेबल पर 12 तरह की सब्जियां रखी होती है। अरे यह क्या बहू टेबल पर सिर्फ सब्जियां ही सब्जियां नजर रही है रोटियां बनाई भी है या नहीं। अरे मम्मी जी ऐसा कैसे हो सकता है अब मैं इतनी बुरी बहू भी तो नहीं हूं ना कि आप लोगों को सिर्फ सब्जियां ही खानी पड़े देखिए देखिए मैंने रोटी भी बनाई है। अरे लेकिन पहले से ही अगर आठ तरह की सब्जी फ्रिज में रखी हुई थी तो यह चार और बनाने की क्या जरूरत थी तुम्हें इस तरह से खाना वेस्ट नहीं करना चाहिए। नैना यह बहुत गलत बात है।
अरे कमाल की बात करते हैं आप एक तो मैं आप लोगों के लिए तरह-तरह की सब्जियां बनाई है आपको रात का बासी खाना खाने के लिए भी नहीं कहा फिर भी आप लोगों को प्रॉब्लम हो रही है। अच्छा ठीक है ठीक है लाओ खाना खाने दो बातें बहुत बनाती हो। क्या मम्मी जी अब तो मैं खाना भी बहुत बनाती हूं लेकिन फिर भी आपको ना हमेशा मुझसे शिकायत रहती है और फिर से सब्जियां बच जाती है। शाम के वक्त जब सब लोग खाना खाने बैठते हैं तो टेबल पर 16 तरह की सब्जियां होती है। यह देखकर नैना के सास ससुर का सर घूम जाता है देखो नैना यह तुमने अच्छा नहीं किया इतनी सारी सब्जियां।
अरे बहु यह तो वेस्टेज है वेस्टेज 2 दिन में तुमने इतनी सारी सब्जियां बना ली लेकिन क्या ऑफिस जाओगी तब यह सब कर पाओगी। वही बात तो मैं आप लोगों को समझाने की कोशिश कर रही थी हमें खाना अपनी जरूरत के हिसाब से बनाना चाहिए और अपनी सहूलियत के हिसाब से भी। बहु तुम ठीक कहती थी हमें समझना चाहिए तुम नौकरी भी करती हो और घर के काम भी और ज्यादा खाना बनाने से वेस्टेज ही होता है कल से तुम एक ही सब्जी बनाना और सुनो एक्स्ट्रा दाल मैं बना दिया करूंगी। सास की बात सुनकर सब लोग मुस्कुराने लगते हैं और उनके परिवार की यह छोटी सी लेकिन बड़ी दिखने वाली प्रॉब्लम सॉल्व हो जाती है।