नई बहू के बड़े झुमके – Puran Dewasi : Moral Stories in Hindi

लाजवंती ने अपनी नई बहू शीतल को बहुत ही सुंदर सोने के बड़े-बड़े झुमके उपहार में दिए हर किसी की नजर उन झुमको पर ही थी। लाजवंती की जेठानी कलावती की बहु रचना भी उन्हीं झुमको पर नजर टिकाई खड़ी थी। मां जी आपने तो मुझे ऐसे बड़े-बड़े झुमके दिए ही नहीं थे। चाची को देखो शीतल को कितनी सुंदर बड़े-बड़े झुमके उपहार में दे रही हैं‌। मुझे तो ऐसा लगता है आपने भेदभाव किया है। रूक में लाजवंती से पूछता हूं कि ये झुमके कहां से आए लाजवंती यह नई बहू के लिए बड़े-बड़े झुमके कहां से लाई हो पहले तो कभी नहीं देखें।

भाभी आप शायद भूल रहे हो मुकेश की दादी ने मुझे शादी के बाद यह बड़ी-बड़ी झुमके दिए थे और आपने भी तो बताया था कि आपको अपनी मुंह दिखाई में वह नौलखा हार मिला था यह वही झुमके हैं। आज मैंने सोचा मुकेश की बहू को दे देती हूं देखो ना सुंदर लग रहे है ना। शीतल बहू इन झुमको में तुम्हारी दादी सास का आशीर्वाद हैं इन झुमको को संभाल कर रखना ठीक है बहू। जी मां जी थैंक यू सो मच मुझे यह गिफ्ट बहुत पसंद आया मैं इसे हमेशा संभाल कर रखूंगी।

उस दिन के बाद शीतल जब भी कहीं जाती तो उसकी सास उसे बड़े झुमके पहनने के लिए कहती। एक दिन शीतल और लाजवंती को किसी के घर पूजा में जाना था। शीतल बहू वह बड़े वाले झुमके पहनना मत भूलना आज की पूजा में बहुत खास मेहमान आने वाले हैं तुम यह बड़े झुमके पहनकर जाओगी तो सबको बहुत अच्छा लगेगा मैं सबको बताऊंगी की यह झुमके तुम्हारी सास की सास के हैं। हां हां मां जी आप चिंता मत करो मैं पहन लूंगी आपने इतने प्यार से दिए तो मैं इसे पहनना भला कैसे भूल सकती हूं। लाजवंती के जाने के बाद शीतल तैयार होने लगती है पर शीतल को वह झुमके वहां नहीं मिलते जहां उसने रखे थे। अरे मैं तो झुमके इसी बॉक्स में रखे थी पर इस बॉक्स में तो वो झुमके है ही नहीं। क्या हुआ शीतल मां आवाज लग रही है तुम अभी तक तैयार नहीं हुई।

मुकेश मेरे बड़े झुमके नहीं मिल रहे वहीं जो मां जी ने मुझे मुंह दिखाई में दिए थे मैंने इसी बॉक्स में रखे थे। अच्छा रुको मैं ढूंढने में मदद करता हूं शीतल और मुकेश हर जगह ढूंढते हैं पर कहीं भी वह बड़े झुमके उन्हें नहीं मिलते हैं। अब पूजा में तो जाना ही है एक काम करो तुम यही छोटी झुमकियां पहन लो फिर बाद में ढूंढ लेना। मैंने तुम्हें बोला था की झुमके संभाल कर रखना पर तुमने शायद उन्हें संभालने में लापरवाही कर दी मैंने कितने सालों से वह झुमके संभाल कर रखे हुए थे। मुकेश की दादी मां की निशानी थी वह झुमके शीतल के साथ-साथ सबका मन बहुत खराब होता हैं। शीतल बहुत चिंता में थी कि आखिर उसके वह झुमके कहां गए क्योंकि ऐसे तो उसके कमरे में कोई भी नहीं आया था तभी शीतल की कामवाली मीना आ जाती है।

मीना रचना के घर में भी काम करती थी वह शीतल और लाजवंती की बातें सुन रही थी बहु तुम्हें अच्छे से याद है कि तुमने वह झुमके इस डिब्बे में ही रखे थे कहीं और तो नहीं रख दिए थे। हां मां जी मुझे अच्छे से याद है मैंने इसी डिब्बे में झुमके रखे थे। भाभी आप कौन से झुमको की बात कर रही हो वही ना जो मां जी ने आपके मुंह दिखाई में दिए थे। हां वही क्या तुमने कहीं देखे हैं। हां भाभी वो झुमके तो वहां ऊपर वाली अलमारी में रखे है उस दिन रचना भाभी उन्हें ऊपर अलमारी में रख रही थी।

मैंने उनसे पूछा भी था तो उन्होंने मुझे कहा कि आपने उन्हें बोला है की संभाल कर ऊपर अलमारी में रखने को। मैं नहीं बोला था फिर रचना भाभी ने ऐसा क्यों किया होगा। मैं समझ गई बहु की रचना बहू ने ऐसा क्यों किया है चल तेरी ताई जी के घर चलते हैं। लाजवंती और शीतल कलावती के घर जाती है और सारी बात बताती है। यह मैं क्या सुन रही हूं रचना बहू तुमने ऐसा क्यों किया सबको साफ-साफ कहो। रचना जान चुकी थी कि उसकी गलती पकड़ी जा चुकी है इसलिए वह बहाना बनाने लगी। अरे शीतल मेरा तो सारा प्लान ही चौपट हो गया मैंने सोचा था कि मैं मजाक को थोड़ा आगे तक ले जाऊंगी अब तुम इस घर में नई-नई आई हो और मैं तुम्हारी जेठानी हूं तो थोड़ा बहुत हंसी मजाक करना तो बनता है मैं बड़े वाले झुमके छुपा दिए थे ताकि तुम्हारे साथ थोड़ी शरारत कर सकूं पर इस मीना ने सारा मजाक किरकिरा कर दिया।

भाभी क्या ऐसा मजाक ठीक है खुद ही सोचो शीतल इस घर में नई है वह बेचारी तो पिछले दो दिन से कितनी परेशान है मैंने उसे यहां तक कह दिया कि वह जिम्मेदारी नहीं संभाल पाई मुझे सचमुच बहुत बुरा लग रहा हैं‌। रचना का इस तरह से मजाक करना मुझे बिल्कुल ठीक नहीं लगा। रसना आज के बाद ऐसा मजाक करने की कोई जरूरत नहीं है शीतल तुम्हारी देवरानी है उसके साथ अच्छे से रहना क्योंकि मैं भी कलावती भाभी के साथ अच्छे से रहती आ रही हूं। कलावती भाभी मुझे इससे ज्यादा बताने की शायद जरूरत नहीं है कि हम दोनों देवरानी जेठानी में कितना प्यार है। चलो शीतल बहू एक काम करो आज रात को शादी में जाना है ना तुम यही बड़े वाले झुमके पहनना तुम पर बहुत सुंदर लगते हैं।

झुमके मिल गए मेरी बहू के चेहरे पर मुस्कान आ गई नहीं तो चेहरा कितना उतर सा गया था। मांजी सचमुच में बहुत परेशान हो गई थी आप ठीक कह रही हो यह झुमके मिल गई तो मुझे बहुत तसल्ली हो गई अब मैं इन झुमको को और भी ज्यादा संभाल कर रखूंगी। उस दिन के बाद शीतल ने समझदारी से काम लिया। अब वह रचना से बहुत संभाल कर रहती थी ताकि आगे रचना फिर से कोई चालाकी ना कर सके।

Leave a comment