कंजूस सासू मां की रसोई – Puran Dewasi : Moral stories in hindi

बहुत समय पहले की बात है रामगढ़ नाम का एक बहुत ही सुंदर गांव हुआ करता था। उस गांव मैं एक औरत रहती थी जो बहुत ज्यादा कंजूस थी। अब हमारी दोनों बेटे बड़े हो गए हैं और कमाने भी लगे हैं क्यों ना अजय की शादी कर दी जाए फिर उसके बाद विजय की शादी भी तो करानी है। आप भी कमाल करते हो भला दोनों बेटों की शादी करने की क्या जरूरत है बहुत ज्यादा खर्च हो जाएगा ऐसा करते हैं इन दोनों में से किसी एक की शादी कर देते हैं। दोनों लोग काम चला लेंगे।

ये तुम कैसी बातें कर रही हो ? अरे मेरे कहने का मतलब है की शादी क्यों की जाती हैं ताकि बहू घर का काम करें अपने पति के लिए सुबह-सुबह टिफिन बनाकर दे तो हमारी एक बहू ही दोनों लोगों के सारे काम कर दिया करेगी।

कुछ ही दिनों बाद उसने अपने दोनों बेटों की शादी एक लड़की से करा दी जिसका नाम था आराध्य पहली रसोई वाले दिन आराध्या किचन में कुछ बना रही थी। मेरी बहू क्या बनाने जा रही हो..! सासू मां आज हमारी पहली रसोई है तो मैं खीर और गाजर का हलवा बनाने जा रही हूं। अरे इतना परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है या तो खीर बना लो और या फिर गाजर का हलवा। यह तो और भी अच्छी बात है सासू मां मेहनत कम करनी पड़ेगी। यह लो दो गाजर इन्हीं दो गाजर से जितना हलवा बन जाए बना देना..! रुको मैं तुम्हें दूध भी दे देता हूं। उसकी सास ने एक छोटा सा गिलास दूध निकाल कर बड़े बर्तन में डाला फिर उसमें ढेर सारा पानी मिला दिया। यह रहा दूध और उसमें चीनी ज्यादा मत डालना यह को चार-पांच टॉफी मेरे पास है। पड़ोस के बच्चे से छीन ली मैंने इसमें डाल देना बड़ा मजा आएगा।

इतना कह कर उसकी सासू मां किचन से बाहर चली गई लेकिन दूर से नजर बनाए रखी कि कहीं उसकी बहू कुछ ज्यादा तो नहीं बना रहीं। मेरी सास तो बहुत ज्यादा ही कंजूस है चलो मेरे लिए तो अच्छी बात है ना इसी बहाने हमें बहुत कम खाना बनाना पड़ेगा। किसी तरह आराध्या ने गाजर का हलवा बनाया और पूरे परिवार को परोस दिया सभी खाने की टेबल पर थे। विजय यह सब मां की करामात हैं गाजर का हलवा तो तुमने बहुत-बहुत अच्छा बना है इसमें दूध कम था चीनी कम थी फिर भी इतना गजब बना है यह कैसे किया तुम दोनों ने..?

मुझे बचपन से खाना बनाने का बहुत शौक है ससुर जी मुझे जितना भी सामान मिल जाए उतने में स्वादिष्ट खाना बना लेती हूं। सब ने हलवा खा लिया लेकिन आराध्या के लिए बिल्कुल भी हलवा नहीं बचा। चलो कोई बात नहीं यह तो सिर्फ टेस्ट था मेरा इसलिए शायद सासू मां ने इतना कम हलवा बनवाया मुझसे। शाम को जब खाना बनाने की बारी आई तब एक बार फिर से उसकी सास किचन में घुस गई। अब क्या बनाने जा रही हो बहू? सासू मां मैं तो बस आपका ही इंतजार कर रही थी। काफी समझदार हो गई हो तुम यह लो दो आलू एक टमाटर आधा प्याज और यह रहा आता इसमें जो भी बन पाता है बना लो।

आराध्या ने खाना बनाया और सभी ने खाना खा लिया पर आराध्या के लिए किचन मैं कुछ भी नहीं बचा खाने को। सासू मां मेरे लिए तो खाना बचा ही नहीं मैं दोबारा बना लेती हूं। नहीं नहीं बहू यह ले मेरे पास एक रोटी और थोड़ी सब्जी बची है यही खाकर सो जा। लेकिन सासू मां सिर्फ एक रोटी खाकर मेरा पेट नहीं भरेगा। एक रोटी जिंदा रहने के लिए बहुत हैं तो इस तरह उस रात आराध्या सिर्फ एक रोटी और सब्जी खाकर सो गई।

आराध्य को उस घर में एक कमरा मिला था जिसमें वह अकेले सोती थी। मुझे समझ में नहीं आता की यह घर है या फिर कोई नौटंकी खाना पहले तो मेरी अपने दोनों बेटों से शादी कर दी और उसके बाद मुझे अकेले ही सोना पड़ता है समझ में नहीं आता कि मुझे ब्याह कर लाए हैं या कोई नौकरानी। अगली सुबह जब आराध्या अपने बाथरूम में नहाने के लिए गई तब उसने देखा कि नल से पानी ही नहीं निकल रहा था। सासू मां मेरे बाथरूम में तो पानी भी नहीं आ रहा है। मेरे बाथरूम में जा बाल्टी में पानी रखा हुआ है वह ले ले तेरे बाथरूम कहां पानी मैं ही बंद करवाया है। आराध्या जब अपनी सास के बाथरूम में गई तो उसने देखा की आधी बाल्टी पानी का रखा हुआ था आधी बाल्टी पानी लेकर वह अपने बाथरूम में चली गई।

सासू मां तू हद से ज्यादा कंजूस निकली और सबसे ज्यादा कंजूसी मेरे साथ ही करती है और किसी के साथ नहीं। इसी तरह आराध्या की सास उसके साथ बहुत कंजूसी करती थी ना ही वह अपनी बहू को खाने के लिए भरपूर खाना देती थी और ना ही नहाने के लिए पानी कई महीनो तक यह सब चलता रहा। विजय आज हम दोनों को पार्टी में जाना है सब हमारी पत्नी से मिलना चाहते हैं। अजय और विजय ने आराध्य को बुलाया खाना भरपूर मात्रा में न मिलने की वजह से वह बहुत कमजोर और पतली हो चुकीथी। आराध्या जल्दी से तैयार हो जाओ हमें पार्टी में चलना है। थोड़ी देर बाद आराध्या तैयार होकर आ गई। आराध्या पार्टी का नाम सुनते ही दुनिया की सारी लड़कियां घंटों तक मेकअप किया करती हैं तुमने तो सिर्फ कपड़े बदल लिए मेकअप किया ही नहीं। क्या बताऊं मैं आपको सासू मां ने मेकअप के नाम पर एक छोटा सा पाउडर दे दिया है बस वही लगा लिया मैंने। मां तो अब मेकअप में भी कंजूसी करने लगी खैर मां से तो हम कुछ कह नहीं सकते तुम चलो हमारे साथ।

अजय और विजय अपनी पत्नी आराध्य को लेकर पार्टी में पहुंच गए। क्या बात है अजय भाभी जी तो जीरो फिगर की हैं। भाभी जी लगता है आप कुछ खाती पीती नहीं है। ऐसी कोई बात नहीं जिंदा रहने के लिए जितना खाना जरूरी होता है उतना मेरी सासू मां मुझे दे देती है। यार विजय अच्छा भैया तो अपनी पत्नी को लेकर आ गए तू अपनी बीवी को लेकर नहीं आया यह सामने खड़ी तो है मेरी बीवी। लेकिन यह तो अजीब भैया की पत्नी है ना।आराध्या हम दोनों की पत्नी हैं। यह सुनकर वहां पर मौजूद सभी लोग हैरान हो गए सभी लोग उनका मजाक उड़ाने लगे इसीलिए अजय विजय आराध्य को लेकर घर आ गए।

लेकिन जैसे ही वह घर पहुंची वैसे ही वह बेहोश हो गई। मां पिताजी मैं डॉक्टर को बुला लूं। डॉक्टर को बुलाने की क्या जरूरत है अगर डॉक्टर को बुलाएंगे तो बहुत फीस लेगा तू ऐसा कर किसी कंपाउंडर को ही बुला ले। इतने में वहां पर आराध्या का ससुर आ गया। तुम अपनी बहू के साथ रसोई घर में कंजूसी करती हो पानी देने में कंजूसी करती हो हर चीज में कंजूसी करती हो वहां तक तो ठीक है लेकिन उसकी जान के साथ तो कम से कम कंजूसी मत करो बेटा जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ। थोड़ी देर बाद वहां पर डॉक्टर आ गए बहु को कोई बीमारी तो है नहीं लेकिन फिर भी इतनी पतली कैसे इसके शरीर में तो बिल्कुल जान ही नहीं बची है आप लोग अपनी बहू को खाना नहीं खिलाते क्या?

नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है डॉक्टर साहब। डॉक्टर ने आराध्य को इंजेक्शन लगाया और उसे दवाई देखकर वहां से चला गया। अब आराध्या को चलने मैं भी परेशानी हो रही थी वह बिस्तर से जैसे ही उठती वैसे ही वो धड़ाम से गिर जाती। लगता है अब इसे खाना ज्यादा खिलाना होगा। एक हफ्ते से बिस्तर पर पड़ी हुई है तब से ना ही मेरे बेटों को टाइम पर टिफिन मिल पाता है ना ही हमें टाइम पर चाय मिल पाती है। आराध्या की वजह से घर का सारा काम रुक गया था इसलिए उसकी सास ने अपने हाथों से आराध्य को जूस और खाना खिलाना शुरू किया। 15 दिन तक भरपूर मात्रा में खाना और जूस पीने से वह पूरी तरीके से स्वस्थ हो गई।

बहू आज के बाद रसोई में मैं तेरे साथ कोई भी कंजूसी नहीं करूंगी क्योंकि अगर तुझे कुछ हो जाता तो दुनिया मुझे ही ताने मारती। इतने में वहां पर अजय विजय के दोस्त कुछ पुलिस वालों के साथ आ गए। देखिए मुझे खबर मिली है कि आज के जमाने में भी अपने दोनों बेटों की शादी एक लड़की से आपने करा दी हैं। यह कानून अपराध है अजय विजय सारी बात समझ गए इंस्पेक्टर सब मेरी ही गलती है मैंने सोचा दोनों बेटों की शादी करने की क्या जरूरत है खर्चा डबल होगा जब सारा काम एक बहू ही कर सकती है तो दो बहू लाने की क्या जरूरत है।

बहु सिर्फ काम करने के लिए नहीं होती जब आप ब्याह कर कि घर में आई होंगे तो क्या आप सिर्फ काम करने के लिए आई थी अगर सिर्फ काम करने के लिए आप आई होती तो आपके दोनों बेटे नहीं होते एक ही कमरे में दो भाई और एक पत्नी सुनते हो वो भी कितना गंदा लगता है। अरे नहीं नहीं इंस्पेक्टर साहब बहु को हमने अपना अलग कमरा दे रखा है वह आज तक हमारे बेटों के कमरे में उनके साथ नहीं सोई। इंस्पेक्टर साहब सासू मां बिल्कुल सही कह रही है इस तरह की शादी तो मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखी। अब आराध्या की शादी अजय के साथ कर दी गई और दोनों एक कमरे में रहने लगे।

इतनी सारी घटनाएं हो जाने के बाद उसकी सासू मां मैं अब सारी कंजूसी करना भी बंद कर दिया। कुछ सालों बाद विजय की भी शादी किसी दूसरी लड़की के साथ कर दी गई। और वह सब लोग खुशी-खुशी रहने लगे।

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